जन-जन के प्रधानमंत्री | महिला सशक्तिकरण के लिए हुए कई ऐतिहासिक फैसले


भारतीय संसद में महिला आरक्षण बिल 2023 पास होने की ऐतिहासिक घटना

महिला सशक्तिकरण के लिए हुए कई ऐतिहासिक फैसले

भारत सदियों से महिलाओं की शक्ति और उनके योगदान को मान्यता देता आया है। फिर भी आधुनिक दौर में महिलाओं को शिक्षा, रोजगार, राजनीति और उद्यमिता जैसे क्षेत्रों में समान अवसर दिलाना एक बड़ी चुनौती रही है। वर्तमान प्रधानमंत्री को "जन-जन का प्रधानमंत्री" इसलिए कहा जाता है क्योंकि उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण (Women Empowerment) को केवल नारे तक सीमित नहीं रखा, बल्कि इसके लिए ऐतिहासिक और ठोस फैसले लिए।

आज भारत की महिलाएँ न सिर्फ घर-परिवार बल्कि समाज और राष्ट्र निर्माण की भी सशक्त धुरी बन चुकी हैं। इस लेख में हम उन प्रमुख योजनाओं और निर्णयों पर चर्चा करेंगे जिनसे महिला सशक्तिकरण को नया आयाम मिला।

महिला सशक्तिकरण के लिए प्रमुख योजनाएँ और ऐतिहासिक फैसले

1. बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना

a. जनवरी 2015 में शुरू की गई यह योजना, बेटियों को बचाने और उन्हें शिक्षा दिलाने पर केंद्रित रही।

b. इसका मुख्य उद्देश्य था देश में गिरते लिंगानुपात को सुधारना और लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देना।

c. इस योजना से बालिका शिक्षा दर में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और समाज में जागरूकता आई है।

2. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना

a. ग्रामीण और गरीब महिलाओं को पारंपरिक चूल्हे से निकलने वाले धुएँ से मुक्ति दिलाने के लिए 2016 में यह योजना शुरू की गई।

b. करोड़ों महिलाओं को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराए गए।

c. इससे महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार हुआ और समय की बचत से वे अन्य कार्यों में योगदान देने लगीं।

3. महिला आरक्षण बिल 2023

a. भारतीय राजनीति में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए संसद और विधानसभाओं में 33% आरक्षण का ऐतिहासिक फैसला लिया गया।

b. इस बिल को पारित कर सरकार ने साबित कर दिया कि महिलाओं की नेतृत्व क्षमता पर अब कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता।

c. यह कदम आने वाले समय में भारत की राजनीति की तस्वीर बदल देगा।

4. जनधन योजना से वित्तीय सशक्तिकरण

a. महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत करोड़ों बैंक खाते खोले गए।

b. महिलाएँ सीधे सरकारी योजनाओं का लाभ ले सकीं और आर्थिक निर्णय लेने में सक्षम हुईं।

c. इससे "Digital India" और "Financial Inclusion" दोनों को बढ़ावा मिला।

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5. स्टार्टअप इंडिया और स्टैंड अप इंडिया

a. महिलाओं को उद्यमिता की ओर बढ़ाने के लिए "स्टैंड अप इंडिया" जैसी योजनाएँ लागू की गईं।

b. इसके तहत महिलाओं और SC/ST वर्ग को बिजनेस लोन और स्टार्टअप समर्थन दिया गया।

c. आज भारत की कई महिला उद्यमी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुकी हैं।

स्वच्छ भारत मिशन और महिला गरिमा

a. ग्रामीण इलाकों में शौचालय निर्माण ने महिलाओं की सुरक्षा और गरिमा सुनिश्चित की।

b. इससे "खुले में शौच" की समस्या कम हुई और महिलाओं को सम्मानजनक जीवन मिला।

मातृत्व अवकाश और कार्यस्थल सुरक्षा

a. कार्यरत महिलाओं के लिए मातृत्व अवकाश को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया गया।

b. "कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा कानून (POSH Act)" को और मजबूत किया गया।

c. इससे महिलाओं के लिए सुरक्षित और बेहतर कार्य वातावरण सुनिश्चित हुआ।

8. शिक्षा और खेलों में प्रोत्साहन

a. सरकार ने महिला खिलाड़ियों के लिए विशेष प्रोत्साहन योजनाएँ शुरू कीं।

b. शिक्षा क्षेत्र में "सुकन्या समृद्धि योजना" जैसी योजनाओं ने बेटियों की पढ़ाई और भविष्य सुरक्षित किया।

c. आज भारतीय महिलाएँ विश्व स्तर पर खेल और शिक्षा दोनों में भारत का नाम रोशन कर रही हैं।

महिला सशक्तिकरण का असर

इन योजनाओं और निर्णयों से भारतीय समाज में गहरे बदलाव देखने को मिले:
शिक्षा में सुधार – बालिका शिक्षा दर में वृद्धि।
आर्थिक स्वतंत्रता – महिलाएँ बैंकिंग और रोजगार में आत्मनिर्भर बनीं।
राजनीति में भागीदारी – महिला आरक्षण बिल से राजनीतिक क्षेत्र में समान अवसर।
स्वास्थ्य सुधार – उज्ज्वला योजना और मातृत्व अवकाश से महिलाओं का स्वास्थ्य बेहतर हुआ।
सामाजिक गरिमा – स्वच्छ भारत मिशन और सुरक्षा कानूनों से महिलाओं की गरिमा सुरक्षित हुई।

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महिला सशक्तिकरण केवल एक सामाजिक आवश्यकता नहीं, बल्कि एक सशक्त भारत की नींव है। प्रधानमंत्री द्वारा लिए गए ऐतिहासिक फैसलों ने महिलाओं को न सिर्फ आत्मनिर्भर बनाया, बल्कि समाज और राष्ट्र निर्माण की धारा में उन्हें बराबरी का स्थान दिलाया।

आज भारत की महिलाएँ हर क्षेत्र में सफलता की नई ऊँचाइयाँ छू रही हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि महिला सशक्तिकरण ही "नए भारत" की असली पहचान है।

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