नेपाल की राजनीति में उथल-पुथल
नेपाल पिछले कई महीनों से राजनीतिक अस्थिरता और हिंसा की लहर से गुजर रहा है। सत्ता संघर्ष, दलों के बीच बढ़ती खींचतान और जनता की नाराज़गी ने माहौल को और गंभीर बना दिया है। सवाल यह है कि आखिर नेपाल की बागडोर कौन संभालेगा? इसी बीच एक वर्चुअल मीटिंग ने नए समीकरण खड़े कर दिए हैं।
वर्चुअल मीटिंग में युवाओं की आवाज़
Gen-Z आंदोलनकारियों ने रविवार को एक ऑनलाइन बैठक आयोजित की, जिसमें करीब 5,000 से ज्यादा युवा शामिल हुए। इस सभा में युवाओं ने खुलकर अपनी राय रखी और सबसे अधिक समर्थन पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की के पक्ष में गया। यह अपने आप में एक बड़ी घटना है, क्योंकि अब तक नेपाल की राजनीति पर पारंपरिक दलों का ही दबदबा रहा है।
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बालेन शाह क्यों हैं चर्चा में?
हालांकि, इस मीटिंग में उनका नाम सुझाया गया, लेकिन उन्होंने फिलहाल किसी भी तरह की राजनीतिक जिम्मेदारी लेने में दिलचस्पी नहीं दिखाई।
सुशीला कार्की – एक नया विकल्प?
सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रह चुकी हैं।
कार्की अब तक राजनीति से दूर रही हैं, लेकिन हाल की घटनाओं ने उन्हें केंद्र में ला दिया है।
Gen-Z की ताकत नेपाल में
नेपाल की आबादी का 60% से अधिक हिस्सा युवा वर्ग है।
युवाओं का मानना है कि पारंपरिक नेता भ्रष्टाचार और वादाखिलाफी से घिरे हैं, जबकि नई सोच वाले नेता ही देश को आगे ले जा सकते हैं।
बालेन शाह की चुप्पी से बढ़ा सस्पेंस
बालेन शाह की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है:
उनके समर्थकों का कहना है कि शाह फिलहाल सक्रिय राजनीति से दूर रहना चाहते हैं, लेकिन भविष्य में बड़ा कदम उठा सकते हैं।
सुशीला कार्की को समर्थन क्यों?
नेपाल के भविष्य की राजनीति
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सुशीला कार्की सक्रिय राजनीति में उतरती हैं तो:
अंतरराष्ट्रीय नजरिया
नेपाल के पड़ोसी भारत और चीन भी इस स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं। दोनों ही देशों के लिए नेपाल एक रणनीतिक दृष्टि से अहम देश है।
सोशल मीडिया पर बहस
ट्विटर (अब X), फेसबुक और इंस्टाग्राम पर #SushilaKarki और #BalenShah ट्रेंड करने लगे हैं।
आगे का रास्ता
नेपाल के राजनीतिक दल इस समय कमजोर स्थिति में हैं। अगर युवाओं का दबाव बढ़ा तो वे किसी नए चेहरे को समर्थन देने के लिए मजबूर हो सकते हैं।
नेपाल की राजनीति इस समय दो रास्तों पर खड़ी है –
Gen-Z ने अपनी राय दे दी है। अब देखना यह है कि सुशीला कार्की इस समर्थन को कैसे स्वीकार करती हैं और बालेन शाह कब तक चुप रहते हैं।
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