बिहार जल्द ही एक ऐतिहासिक पल का गवाह बनने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य को एक बड़ी सौगात देने वाले हैं। लंबे समय से प्रतीक्षित पूर्णिया एयरपोर्ट अब आम जनता के लिए खुलने जा रहा है। इस एयरपोर्ट के लोकार्पण से न केवल सीमांचल और कोसी क्षेत्र के लोगों को हवाई सेवा की सुविधा मिलेगी, बल्कि इस पूरे इलाके की अर्थव्यवस्था और विकास की रफ्तार भी तेज़ हो जाएगी।
पूर्णिया एयरपोर्ट का इतिहास और महत्व
पूर्णिया एयरपोर्ट की शुरुआत मूल रूप से रक्षा से जुड़ी आवश्यकताओं के लिए की गई थी। यहां पहले एयरफोर्स का बेस हुआ करता था। हालांकि, लंबे समय तक इसका इस्तेमाल नागरिक उड्डयन के लिए नहीं हो पाया। स्थानीय लोगों की वर्षों से यह मांग थी कि पूर्णिया में एक आधुनिक और विकसित एयरपोर्ट की सुविधा मिले ताकि उन्हें पटना या कोलकाता जैसे शहरों पर निर्भर न रहना पड़े।
अब यह सपना साकार होने जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इसका लोकार्पण इस क्षेत्र के लिए एक नई उम्मीद और विकास की शुरुआत माना जा रहा है।
बिहार की कनेक्टिविटी में नया अध्याय
पूर्णिया एयरपोर्ट के शुरू होने से बिहार की हवाई कनेक्टिविटी और मजबूत होगी।
1. अब दिल्ली, कोलकाता, पटना, गुवाहाटी और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों के लिए सीधी उड़ानें संभव होंगी।
2. सीमांचल और कोसी क्षेत्र के लोगों को हवाई यात्रा के लिए पटना या बागडोगरा जाना नहीं पड़ेगा।3. प्रवासी मजदूरों, छात्रों और मरीज़ों को बड़े शहरों तक आसानी से पहुंचने में मदद मिलेगी।
यह एयरपोर्ट न केवल बिहार, बल्कि उत्तर बंगाल, झारखंड और नेपाल की सीमा से लगे क्षेत्रों के लिए भी लाभकारी साबित होगा।
आर्थिक विकास को मिलेगा बढ़ावा
पूर्णिया एयरपोर्ट से यहां के व्यापार और उद्योग को सीधा लाभ मिलेगा।
1. यहां के किसान अपने कृषि उत्पाद जैसे मक्का, लीची, केले और सब्जियां आसानी से बड़े शहरों में भेज पाएंगे।
2. छोटे और मझोले उद्योगों को देशभर से जोड़ने का मौका मिलेगा।3. इस क्षेत्र में निवेश की संभावनाएं बढ़ेंगी और नए उद्योग-धंधे स्थापित होंगे।
एयरपोर्ट के संचालन से सीधे और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। हज़ारों युवाओं को नौकरी और स्वरोजगार का मौका मिलेगा।
पर्यटन को नई पहचान
पूर्णिया और इसके आसपास कई पर्यटन स्थल हैं, लेकिन अब तक सही कनेक्टिविटी न होने से यहां देश-विदेश के पर्यटक आसानी से नहीं पहुंच पाते थे।
1. कटिहार का मनिहारी घाट,
2. अररिया का फारबिसगंज किला,3. किशनगंज की ऐतिहासिक इमारतें,
4. कोसी नदी के किनारे प्राकृतिक सौंदर्य
ये सभी स्थान अब हवाई कनेक्टिविटी से और अधिक लोकप्रिय हो सकते हैं। इससे स्थानीय लोगों की आय और पर्यटन व्यवसाय को गति मिलेगी।
रोजगार और युवाओं के लिए अवसर
पूर्णिया एयरपोर्ट के शुरू होने से इस क्षेत्र के युवाओं को कई तरह के अवसर मिलेंगे।
1. एयरपोर्ट पर सीधे ग्राउंड स्टाफ, सुरक्षा, मैनेजमेंट और तकनीकी सेवाओं से रोजगार मिलेगा।
2. होटल, ट्रैवल एजेंसी और ट्रांसपोर्ट सेवाओं में नए कारोबार शुरू होंगे।3. युवाओं के लिए एविएशन सेक्टर में करियर बनाने के अवसर पैदा होंगे।
राजनीतिक और सामाजिक महत्व
पूर्णिया एयरपोर्ट का लोकार्पण केवल विकास का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह राजनीतिक दृष्टि से भी अहम है। बिहार की राजनीति में सीमांचल और कोसी क्षेत्र की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। लंबे समय से यहां के लोगों की यह मांग थी, और अब प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इसका उद्घाटन किया जाना, स्थानीय जनता के लिए एक बड़ी राहत है।
बिहार के लिए नई उड़ान
बिहार लगातार विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। पिछले कुछ सालों में पटना, गया और दरभंगा जैसे शहरों से हवाई सेवाओं का विस्तार हुआ है। अब पूर्णिया एयरपोर्ट जुड़ने से राज्य की हवाई सेवा और व्यापक हो जाएगी।
यह एयरपोर्ट बिहार की अर्थव्यवस्था, रोजगार, पर्यटन और व्यापार के लिए एक नया द्वार खोलेगा। यह कहना गलत नहीं होगा कि पूर्णिया एयरपोर्ट का लोकार्पण बिहार को नई उड़ान देने वाला साबित होगा।
सुशीला कार्की संभालेंगी नेपाल की कमान? Gen-Z के ‘फेवरेट’ बालेन शाह ने नहीं दिखाई दिलचस्पी
पूर्णिया एयरपोर्ट का लोकार्पण केवल एक एयरपोर्ट का उद्घाटन नहीं है, बल्कि यह बिहार की नई विकास गाथा की शुरुआत है। इससे सीमांचल और कोसी क्षेत्र के लाखों लोगों का जीवन बदलेगा। रोजगार, व्यापार, पर्यटन और शिक्षा—हर क्षेत्र में इसका सीधा प्रभाव दिखाई देगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह कदम बिहार को 21वीं सदी की हवाई कनेक्टिविटी से जोड़ने की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर है। आने वाले वर्षों में यह एयरपोर्ट बिहार को देश के अन्य हिस्सों से और अधिक नज़दीक लाएगा और राज्य के सर्वांगीण विकास की राह खोलेगा।
0 टिप्पणियाँ